छोड़कर सामग्री पर जाएँ

रामायण से उत्तम एक प्रेम महाकाव्य – आप इस में भागी हो सकते हैं

जब कोई सभी महान महाकाव्यों के ऊपर ध्यान लगाता है और प्रेम कहानियों की रचना की जाती है, तो रामायण निश्चित रूप से सूची में सबसे ऊपर आती है। इस महाकाव्य के कई उत्कृष्ट पहलू… रामायण से उत्तम एक प्रेम महाकाव्य – आप इस में भागी हो सकते हैं

दस आज्ञाएँ: कलियुग में कोरोना वायरस की जाँच की तरह

यह आम तौर पर स्वीकार किया जाता है कि हम कलियुग या काली के युग में रह रहे हैं। यह सतयुग, त्रेता युग और द्वापर युग से शुरू होने वाले चार युगों में अन्तिम युग… दस आज्ञाएँ: कलियुग में कोरोना वायरस की जाँच की तरह

सूर्य के नीचे जीवन में सन्तुष्टि की खोज की माया

संस्कृत से आए शब्द माया का अर्थ ‘वह जो नहीं है’ और इसलिए यह ‘भ्रम’ है। विभिन्न ऋषियों और शिक्षण पद्धतियों ने माया के भ्रम पर अलग-अलग तरीकों से जोर दिया है, परन्तु वे सारे… सूर्य के नीचे जीवन में सन्तुष्टि की खोज की माया

दिवाली और प्रभु यीशु

पहली बार जब मैंने ‘बड़ी निकटता’ के साथ दिवाली का अनुभव उस समय किया जब मैं भारत में कार्यरत् था। मैं यहाँ पर एक महीने रहने के लिए आया था और मेरे रहने के दिनों… दिवाली और प्रभु यीशु

यीशु के बलिदान से कैसे शुद्धता के वरदान को प्राप्त किया जा सकता है?

यीशु सभी लोगों के लिए स्वयं का बलिदान देने के लिए आया । यही सन्देश प्राचीन ऋग्वेद के भजनों में प्रतिछाया स्वरूप और साथ ही साथ प्रतिज्ञाओं में और प्राचीन इब्रानी वेदों में मिलता है।… यीशु के बलिदान से कैसे शुद्धता के वरदान को प्राप्त किया जा सकता है?

मोक्ष – कर्मों से स्वतंत्रता को प्राप्त करना

कर्म, गुरत्वाकर्षण की तरह ही, एक ऐसी व्यवस्था है जो कि आपके और मेरे ऊपर कार्यरत् है। कर्म का अर्थ बहुत सी बातें हो सकती हैं, परन्तु इसका मौलिक विचार हमारे द्वारा किए हुए कामों… मोक्ष – कर्मों से स्वतंत्रता को प्राप्त करना

बलिदान की विश्वव्यापी आवश्यकता

ऋषि और मुनिगण युगों से जानते थे कि लोग छल अर्थात् माया और पाप में जीवन व्यतीत करेंगे। यह सभी धर्मों, युगों के लोगों और शैक्षणिक योग्यताओं के स्तर पर एक सहज ज्ञान की जागरूकता… बलिदान की विश्वव्यापी आवश्यकता

कुम्भ मेला महोत्सव: पाप का बुरा समाचार और हमारी शुद्धता की आवश्यकता को दिखा रहा है

मानवीय इतिहास में जनसमूह का एक सबसे बड़ा रूप में इकट्ठा होना इस वर्ष 2013 में घटित हुआ– कुम्भ मेले का त्योहार 12 वर्षों में केवल एक ही बार मनाया जाता है। चौंका देने वाली… कुम्भ मेला महोत्सव: पाप का बुरा समाचार और हमारी शुद्धता की आवश्यकता को दिखा रहा है