पुरूषा का बलिदान: सभी वस्तुओं की उत्पत्ति
श्लोक 3 और 4 के पश्चात् पुरूषासूक्ता अपने घ्यान को पुरूषा के गुणों की ओर से पुरूषा के बलिदान के ऊपर केन्द्रित करता है। श्लोक 6 और 7 इस पर अपने ध्यान को इस तरीके… पुरूषा का बलिदान: सभी वस्तुओं की उत्पत्ति
श्लोक 3 और 4 के पश्चात् पुरूषासूक्ता अपने घ्यान को पुरूषा के गुणों की ओर से पुरूषा के बलिदान के ऊपर केन्द्रित करता है। श्लोक 6 और 7 इस पर अपने ध्यान को इस तरीके… पुरूषा का बलिदान: सभी वस्तुओं की उत्पत्ति
कदाचित् ऋग्वेद की सबसे प्रसिद्ध कविता या प्रार्थना पुरूषासूक्ता (पुरूषा सुक्तम्) है। यह 90वें अध्याय और 10वें मंडल में पाई जाती है। यह एक विशेष व्यक्ति –पुरूष: (जिसे पुरूषा के नाम से पुकारा जाता है)… पुरूषासूक्ता पर ध्यान देना – पूरूषा की स्तुति का भजन